आज हम आपको बताने वाले हैं कि Bhasha kise kahte hain और Bhasha ki paribhasha क्या है? क्योकि अधिकतर लोग इंटरनेट पर यह सर्च करते हैं कि bhasha ka arth क्या होता है और भाषा क्या है ? दरअसल bhasha kise kahte hain यह सवाल हिंदी व्याकरण से ली गई है और मैंने पहले भी एक पोस्ट लिखा जिसमे मैंने आपको बता दिया था कि Vyakaran kise kahte hain अगर आपने उस पोस्ट को नहीं पढ़ा तो आप पढ़ लीजिये क्योकि मैंने उसमे व्याकरण की परिभाषा को काफी अच्छे से बताया है.
दोस्तों मैं आपको बता दूँ. की भाषा का होना हमारी ज़िन्दगी में बहुत बड़ा महत्व है, क्योकि भाषा के बगैर हमारी ज़िन्दगी किसी काम की नहीं रहेगी। हमें जानवरो की तरह जीना होगा। भाषा तो इंसानो को दिया हुवा भगवान् का वरदान है जिसे हम जैसे चाहे इस्तेमाल करते हैं. हमारे भींच भाषा नहीं हो तो हम सपने नहीं देख सकते, आपस में एक दूसरे से अपनी बातो को शेयर नहीं कर सकते, मतलब कि भाषा के बिना हमें ठीक उसी तरह जीना होगा जिस तरह बे जुबां जानवर अपना गुज़ारा करते हैं. तो चलिए सबसे पहले जान लेते है कि bhasha ka arth क्या होता है
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भाषा का अर्थ क्या होता है
भाषा शब्द की उत्पत्ति कहाँ से हुवी और भाषा का अर्थ क्या होता है चलिए जानते हैं.
भाषा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के भास् धातु से हुई है। जिसका अर्थ कहना या बताना होता है.
अर्थात
जब भी हम किसी से कुछ कहते है या किसी को कुछ बताते हैं तो उसे हम भाषा कह सकते हैं.
भाषा का अर्थ
भाषा ध्वनि चिन्हो का वह क्रमबद्ध समूह है जिसके माध्यम से एक व्यक्ति अपने विचार, भाव, इच्छा दूसरे व्यक्ति के लिए व्यक्त करता है. और दूसरे के विचार, भाव, इच्छा ग्रहण करता है. हम अपने अंतर्गत जो कुछ भी क्रियाएं होती है उन क्रियाओं को ध्वनि के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं. इससे हमें पता चला कि हमारे मुँह से जो भी ध्वनि निकलती है उसे ही हम भाषा कहते हैं. तो चलिए अब जान लेते हैं की Bhasha ki paribhasha क्या होता है.
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भाषा की परिभाषा
Bhasha ki paribhasha कई महान लोगो द्वारा लिखा गया है उनके लिखने का तरीका अलग है पर उनके भाषा के परिभाषा का अर्थ एक ही है तो चलिए जान लेते हैं उन सभी महान व्यक्तियों द्वारा लिखी गई भाषा की परिभाषा को.
स्वीट के अनुसार:- “भाषा स्वर एवं ध्वनि के द्वारा विचारो का अविव्यक्तिकरण है “
श्यामसुंदर दास :- “भाषा ध्वनि संकेतो का व्यवहार है”
सुमित्रानन्द पंत:- “भाषा संसार का नादमय चित्र है ध्वनि स्वरूप है, यह विश्व की यदय तंत्री की झंकार है जिनकी स्वर में अभिव्यक्ति होती है”
रामचंद्र वर्मा:- “मुख से उच्चारित होने वाले शब्दों और वाक्यों का समूह जिसके द्वारा मन की बाते बताई जाती है भाषा कहलाती है”
आपको बता दें की इन सभी परिभाषा का सीधा सीधा अर्थ होता कि हम अपने मन की विचारो को किसी से कहते है या किसी के मन के भावनाओ उन के मुख से सुनते है तो उसे हम भाषा कह सकते है.
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भाषा के कितने रूप होते हैं?
हमने जान लिया कि Bhasha kise kahte hain और Bhasha ki paribhasha क्या है? अब हम जानेंगे की भाषा के कितने प्रकार होते हैं.
वैसे तो भाषा के दो प्रकार होते हैं. पहला “मौखिक भाषा” दूसरा “लिखित भाषा” लेकिन इन दोनों के अलावा भी एक भाषा होती है जिसे हम सांकेतिक भाषा कहते हैं. ऐसा भाषा जिसे हम बिना ध्वनि निकले इशारो में करते है जिसे हम इशारो की भाषा भी कह सकते हैं. लेकिन हिंदी व्याकरण के अनुसार भाषा दो ही प्रकार के होते हैं. तो चलिए उन दोनों भाषा के परिभाषा जानते हैं.
मौखिक भाषा की परिभाषा
मौखिक भाषा अभिव्यक्ति का सबसे सरल साधन है अपने विचारो के आदान प्रदान के लिए ध्वनि संकेतो के समूह हो मौखिक भाषा कहते हैं.
मौखिक भाषा का प्रयोग कोई भी व्यक्ति कर सकता है उसके लिए व्यक्ति का पढ़ा लिखा होना ज़रूरी नहीं होता, कोई अनपढ़ व्यक्ति भी मौखिक भाषा का प्रयोग कर सकता है “अर्थात” जिस भाषा में ध्वनि की उत्पत्ति हो और मुख से बोला जाये उसे हम मौखिक भाषा कह सकते हैं.
लिखित भाषा की परिभाषा
जब हम अपने मन के भाव को विचारो को लिखते है उसे हम लिखित भाषा कहते हैं. “अर्थात” जिस भाषा में ध्वनि की उत्पत्ति न हो सिर्फ हम अपने भाव को लिख कर व्यक्त करे तो उसे हम लिखित भाषा कह सकते हैं.
दोस्तों लिखित भाषा का बहुत ज़्यादा ही महत्व है. यह एक ऐसी भाषा है जिसे कोई नहीं झुटला सकता, हम मौखिक में कोई बात करे तो हो सकता है बाद में कोई उसे झूट साबित कर दे लेकिन लिखित भाषा एक ऐसी भासा है जिसमे कभी बेमानी नहीं हो सकती और न ही उसे बदला जा सकता.
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Conclusion – Bhasha kise kahte hain
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह पोस्ट Bhasha kise kahte hain और Bhasha ki paribhasha पसंद आई होगी, अगर आपके लिए यह आर्टिकल थोड़ा भी हेल्पफुल रहा तो आप इस आर्टिकल को उन लोगो तक शेयर कर दीजिए जिसे नहीं पता है bhasha ka arth और परिभाषा.
बांकी आपके मन में कोई सवाल या सुझाव है तो हमें comment में लिख सकते हैं. मैं आपके सवालो का जवाब देने की पूरी कोशिश करूँगा.
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