आप लोगों ने तो Motorola कंपनी का नाम सुना ही होगा और हो सकता है कि आप मोटोरोला फ़ोन भी चलाये होंगे लेकिन क्या कभी आपने सोचा Motorola kis desh ki company hai और मोटोरोला कंपनी का मालिक कौन है ? अगर नहीं तो कोई बात नहीं क्योंकि आज के इस आर्टिकल में आपको Motorola का इतिहास के साथ साथ मोटोरोला कंपनी की सारी जानकारी देने वाले हैं,
आप जो भी फ़ोन इस्तेमाल करते हैं क्या आप जानते हैं वो फ़ोन किस देश का है या उस कंपनी के मालिक का क्या नाम है आपका जवाब 80 प्रतिशत होगा नहीं क्योकि हम कोई फ़ोन लेते वक्त यह नहीं देखते की कम्पनी किस देश की है बस फ़ोन में अच्छे फीचर मिलने चाहिए और कुछ नहीं
आज हम सभी Phone के बारे में नहीं बल्कि काफी पॉपुलर कंपनी मोटोरोला की बात करने वाले हैं हम जानेगे कि आखिर Motorola kis desh ki company hai और Motorola company ka malik Kon हैं और Motorola company की पूरी इतिहास जानेंगे बस आपको आर्टिकल को पूरा पढ़ने की आवश्यकता है.
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Motorola किस देश की कंपनी है

दोस्तों अगर आपके मन में भी Motorola किस देश की कंपनी है इस तरह के सवाल है तो आज हम आपको यह जानकारी भी देंगे कि Motorola किस देश का है और यह Motorola कंपनी का हेड क्वार्टर कहां है
तो मैं आपको बता दूँ कि Motorola Mobile company एक अमेरिका की कंपनी है इस कंपनी का हेड क्वार्टर भी अमेरिका का एक शहर शिकागो में स्थित है यह कंपनी अपने शुरुआती दिनों में बहुत ही लोकप्रिय रही है, अपने नए नए आविष्कारों के लिए इस मोटरोला कंपनी ने बहुत ही कम पैसे से अपना बिजनेस शुरू किया था और देखते ही देखते यह कंपनी सफलता की ऊंचाइयां छू रही थी
लेकिन 2001 से 2007 के बीच मे दूसरी manufacturing company ने Motorola की सफलता देखते हुए Motorola से भी बेहतरिन आविष्कार मार्केट में पेश किए और मोटोरोला के आविष्कार इन आविष्कारों के सामने फीके पड़ने लगे। उसके चलते कंपनी का दिवाला हो गया और कंपनी के दो भाग में विभाजित करना पड़ा,
जिसमें से एक बैग गूगल ने मोटोरोला कंपनी मोबाइल के सबसे अनोखे फीचर्स देखते हुए इस मोटोरोला मोबिलिटी कंपनी को खरीद लिया और उसके 2 साल बाद ही गूगल ने इस कंपनी को बेचने का फैसला किया और गूगल ने इस कंपनी को चाइना की। सबसे बेस्ट कंपनी Lenevo को मोटोरोला मोबिलिटी कंपनी बेच दी।
उसके बाद से Lenevo ही मोटरोला की कंपनी है और वह कंपनी चाइना की भी कहीं जाती है और अमेरिका की भी। लेकिन Lenovo ने Motorola के ब्रैंड को ध्यान में रखते हुए कंपनी के प्रोडक्ट में कहीं भी Lenovo का नाम नहीं आता है. क्योंकि Lenevo एक चाइनीस कंपनी है और Motorola में Lenevo के नाम का उपयोग नहीं किया जाएगा तो ब्रैंड नेम खराब होगा, यह सोचते हुए किया गया
फिलहाल यह Motorola Company Lenevo की ही है, लेकिन इसके हेड क्वार्टर अभी भी अमेरिका के शिकागो शहर में है। ब्रांड को ध्यान में रखते हुए आप यह कह सकते हो कि मोटरोला कंपनी अमेरिका का भी है और चाइना की भी
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Motorola Company का मालिक कौन है
हम ने यह जान लिया कि Motorola kis desh ki company hai है लेकिन हमें यह भी पता होना चाहिए कि Motorola Company का मालिक कौन है, तो अगर हम Motorola Company के मलिक की बात करें तो उसे हम एक लाइन में नहीं बता सकते क्योकि मोटोरोला कंपनी किसी एक लोग के हाथ में नहीं रहा. क्योकि Moto कंपनी को लॉस होने के कारन यह कंपनी बिक चुकी थी तो चलिए जानते है इसके पहले दूसरे और तीसरे मालिक के बारे में.
Motorola Company का पहला मालिक
मोटोरोला कंपनी का पहला मालिक Paul and Joseph Galvin थे। इन दोनों भाइयों ने मिलकर इस कंपनी को बहुत ही कम इन्वेस्टमेंट के साथ शुरू किया था और लोगों में बहुत ही ज्यादा लोकप्रियता हासिल की थी। लेकिन यह लोकप्रियता ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया क्योंकि Motorola Mobile Company की तरह और भी कंपनी मार्केट में थी और वह कंपनी भी उन लोगों की कंपनियों की लोकप्रियता बढ़ाना चाहते थे तो इस वजह से दूसरे कंपनियों ने मोटोरोला से भी अच्छे अच्छे प्रोडक्ट मार्केट में पेश किए जिसके चलते मोटरोला को बहुत ही घाटा हो गया। और कंपनी को बेचने की नौबत आ गई। ऐसे में कंपनी के दो भाग हो गई। उसमें से एक भाग था जो मोटोरोला मोबिलिटी बाग गूगल ने खरीद लिया।
Motorola Compnay का दूसरा मालिक
मोटरोला कंपनी को गूगल ने खरीद लिया। उसके बाद गूगल ने इसके साथ 2 साल तक ही काम किया और फिर इस कंपनी को गूगल ने चाइना के Lenevo Company को बेच दिया।
मोटरोला कंपनी का तीसरा मालिक
मोटरोला कंपनी को Lenevo ने खरीद लिया और lenevo Company के मालिक का नाम Legend Holdings था और lenevo ने इस कंपनी के साथ काम करना शुरू कर दिया तो अगर 2021 में पूछा जाए की Motorola Company का मालिक का नाम क्या है तो इसका जवाब Legend Holdings होगा जो कि lenevo company के फाउंडर हैं.
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Motorola Company का इतिहास
मोटरोला कंपनी की शुरुआत 25 दिसंबर 1928 को हुआ। इस कंपनी को Paul and Joseph Galvin दो भाइयों ने मिलकर कंपनी को शुरू किया था। इन दोनों भाइयों ने सिर्फ $750 में बंद हो चुकी कंपनी स्टीवर्ट बैटरी कंपनी के पुराने सामान खरीद कर अपनी कंपनी शुरू की उन्होंने पहला आविष्कार बैटरी एलिमिनेटर बनाया जो लोगों को बहुत ही पसंद आया और उन्होंने इस एक आविष्कार को $30 में बेचा।
उसके बाद उन्होंने रेडियो बनाया। और उन्होंने एक सेमिनार में लोगों को बताया। लोगों को यह नया आविष्कार बहुत ही पसंद आया। उन्होंने इस रेडियो का नाम Motorola रखा था। उनको यह नाम से बहुत ही ज्यादा लोकप्रियता मिली तो उन्होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर Motorola रख दिया।
मोटोरोला ने 1947 में टीवी मैन्युफैक्चरिंग करना शुरू कर दिया था और उसके बाद मोटोरोला ने रेडियो इक्विपमेंट बनाना शुरू कर दिया, जिससे मोटोरोला ने नासा के लिए भी बहुत सारे रेड पिगमेंट बनाइए, जिसमें अपोलो मून मिशन के तहत नील आर्मस्ट्रांग ने अपना पहला आवाज़ धरती पर भेजा था। वह रेडियो भी मोटरोला कंपनी ने ही बनाया था।
मोटोरोला ने 1974 में अपना पहला माइक्रोप्रोसेसर लांच किया था, जिसका नाम mc60 था। यह प्रोसेसर कंप्यूटर और कार्य में उपयोग में लिया जाता था। 1980 में मोटोरोला ने अपना सेकंड जेनरेशन का माइक्रोप्रोसेसर चिप mc 8000 लांच किया था। उस समय यह प्रोसेसर एप्पल और एसपी के कंप्यूटर में उपयोग में लिया जाता था। जिसमें मोटरोला का पहला फोन भी बनाया गया था। मोटरोला ही पहला ऐसा कंपनी है जिसने पहला फोन बनाया था जैसे मोटोरोला ने अपना पहला फोन बनाया। उसकी और भी लोकप्रियता बढ़ने लगी। लोग मोटरोला के आविष्कारों को पसंद करने लगे
ऐसे ही मोटोरोला ने अपने और भी दूसरे फोन लांच किया। लेकिन दोस्तों 2001 से 2009 के के बीच मोटरोला कंपनी को बहुत ही ज्यादा नुकसान हुआ क्योंकि मोटरोला की तरह और भी कंपनी मार्केट में आ गई थी। उनके पास मोटरोला से भी अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट मौजूद थे। इसके और मोटोरोला के बीच के फोन से भी अच्छे अच्छे फीचर्स बनाने लगे थे और फिर मोटरोला को बहुत ही ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ा। करीब 4 पॉइंट 3 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ मोटोरोला को।
उसके बाद 2011 में मोटोरोला कंपनी के दो भाग में विभाजित हो गई, जिसमें एक मोटरोला सॉल्यूशन और दूसरी मोटोरोला मोबिलिटी के भाग से विभाजित हो गई। इसमें पहली कंपनी मोटोरोला सलूशन और दूसरी कंपनी मोटोरोला मोबिलिटी, इसमें मोटरोला सलूशन के अपने इलेक्ट्रॉन उत्पादन जैसे ट्रांजिस्टर रेडियो ऐसे उत्पादन बनाने लगा और जो मोटरोला मोबिलिटी कंपनी मोबाइल फोन बनाने में लग गई। इसमें गूगल की नजर मोटोरोला मोबिलिटी पर पड़ी। गूगल ने मोटोरोला मोबिलिटी कंपनी को खरीद लिया।
गूगल ने फोन बनाने के लिए मोटोरोला मोबिलिटी कंपनी को नहीं, गूगल को मोटरोला के उसके बेस्ट फोन के फीचर्स के लिए खरीद लिया और गूगल ने इसमें 2 साल तक काम किया। फिर गूगल ने मोटोरोला कंपनी चाइनीस कंपनी Lenevo को बेच दिया।
उसके बाद जैसे ही 30 अक्टूबर 2012 को लेनोवो ने Motorola Company का मालिक घोषित कर दिया गया क्योंकि लेनोवो ने मोटोरोला कंपनी को खरीद लिया था। लेकिन लेनोवो मोटोरोला के ब्रांड नाम में लेनोवो का नाम नहीं उपयोग करता क्योंकि इससे मोटरोला की ब्रांडिंग में असर होगा और लेनोवो ने मोटोरोला का हेड क्वार्टर भी नहीं बदला। वही रखा और मोटोरोला को एक स्वतंत्र कंपनी की तरह रखा होंगे मार्केट में फिर से मोटरोला के फोन धूम मचा रहे हैं और आगे आने वाले सालों में और भी बेहतरीन फोन पर किए जाएंगे तो दोस्तों यह था मोटोरोला कंपनी का इतिहास!
Conclusion
तो दोस्तो आज आपने जाना कि Motorola Kis Desh ki Company hai और Motorola कंपनी का मालिक कौन है, साथ ही मैंने आपके साथ moto company की पूरी इतिहास शेयर किया है जो मुझे उम्मीद है कि आपलोगो को पसंद आई होगी।
अगर आपके मन में Motorola company से releted कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें commet box में पूछ सकते हैं,