Sangya kise kahate hain और Sangya ke bhed

आज हम जानेंगे. संज्ञा के बारे में जानेंगे कि sangya kise kahate hain और sangya ki paribhasha क्या है और साथ ही जानेंगे sangya ke kitne bhed hote hain. तो दोस्तों अगर आप संज्ञा को सरल भाषा में जानना और समझना चाहते हैं तो इस पोस्ट को थोड़ा ध्यान से पढ़े,तो चलिए जानते हैं कि संज्ञा किसे कहते हैं. और संज्ञा के कितने भेद होते हैं. 

संज्ञा किसे कहते हैं ? / sangya ki paribhasha क्या है 

परिभाषा:- किसी वस्तु व्यक्ति स्थान या भाव के नाम को ही हम संज्ञा कहते हैं. जैसे, मोहन, सोहन,गाय, गंगा, मोबाइल, कंप्यूटर, आदि संज्ञा कहलाता हैं. 

जाती, व्यक्ति,समूह,द्रव, और गुण आदि संज्ञा है, आप सरल भाषा में यह भी कह सकते हो कि दुनिया में जितने भी चीज़े हैं नाम है वो सभी संज्ञा कहलाता है .

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संज्ञा के कितने भेद होते हैं. (Sangya ke kitne bhed hote hain)

संज्ञा के कुल पांच भेद होते हैं.

  1. जातिवाचक संज्ञा 
  2. व्यक्तिवाचक संज्ञा 
  3. भाववाचक संज्ञा
  4. समूहवाचक संज्ञा 
  5. द्रववाचक संज्ञा

हमने यह जान लिया की sangya kise kahate hain और उसकी परिभाषा को अब हम संज्ञा के पांचो भेद के परिभाषा को जान लेते हैं. 

जातिवाचक संज्ञा ( jativachak sangya kise kahate hain )

परिभाषा Jativachak Sangya :- जब किसी संज्ञा शब्द से कोई एक जाती या व्यक्तियों का बोध हो उसे हम “जातिवाचक संज्ञा” कहते हैं. जैसे – इंसान माकन लेखक नदी तथा पहाड़ आदि.

जैसा की हम सभी जानते हैं इंसान हो या जानवर सभी अलग अलग तरह के होते हैं. उसी तरह मकान में भी प्रकार होता होता है, लेखक में भी प्रकार होता है नदी के भी अलग अलग नाम होता है मतलब कि दुनिया में जितने भी ऐसे चीज़ है जिसका कोई धर्म या प्रकार हो उसे हम जातिवाचक संज्ञा कहते हैं. 

व्यक्तिवाचक संज्ञा ( Vyakti vachak sangya kise kahate hain)

परिभाषा Vyakti vachak sangya:- जब किसी संज्ञा शब्द से कोई एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो उसे हम “व्यक्तिवाचक संज्ञा” कहते हैं. जैसे मुंबई, दिल्ली,ताजमहल,कबीर दास, तुलसी दास, आदि 

 जैसे ताजमहल या दिल्ली कहने पर सर एक ही जगह का बोध होता है, ठीक उसी तरह दुनिया में जितने भी संज्ञा शब्द वाले नाम या वस्तु है जिसे बोलने पर सिर्फ एक ही स्थान, वस्तु,का बोध होता है वो सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा  है. 

भाववाचक संज्ञा ( Bhav vachak sangya kise kahate hain )

परिभाषा Bhav vachak sangya:- जब किसी संज्ञा शब्द से किसी व्यक्ति या वस्तु का धर्म गुण या किसी भी तरह का व्यापार का बोध हो उसे हम “भाववाचक संज्ञा” कहते हैं. जैसे अच्छाई, बुराई, लम्बाई,बुढ़ापा,विनम्रता, तथा कोमलता आदि. 

जैसा की हम सभी जानते है कि हम भाव को देख नहीं सकते है भाव एक तरह का एहसास है जिसे हम लोग महसूस करते हैं. दुनिया में जितने भी व्यक्ति या वस्तु है सभी में कुछ न कुछ गुण होता है उसी गुण को हम भाववाचक संज्ञा कहते हैं. 

समूहवाचक संज्ञा ( Samuh Vachak sangya kise kahte hain )

परिभाषा Samuh Vachak sangya:- जब किसी संज्ञा शब्द से कोई व्यक्ति या वस्तु के समूह का बोध हो उसे हम “समूहवाचक संज्ञा” कहते हैं. जैसे सभा, सेना, झुण्ड, दल आदि,

ऐसे संज्ञा शब्द जिस से किसी एक व्यक्ति या एक वस्तु का बोध न होक अनेक वस्तु या अनेक व्यक्ति का बोध हो उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं.

द्रववाचक संज्ञा ( Drav vachak sangya kise kahte hain )

परिभाषा Drav vachak sangya:- जब किसी संज्ञा शब्द से कोई ठोस धातु या कोई वस्तु जिसका नपा तोला से बोध हो उसे हम “द्रववाचक संज्ञा” कहते हैं. जैसे चीनी, चावल, घी, शक्कर, सोना,चांदी, तथा लोहा आदि,

ऐसा वस्तु पदार्थ जिसे वजन किया जा वह द्रववाचक संज्ञा कहलाता है.

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Conclusion of Sangya kise kahate hain और Sangya ke bhed

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने आपको बताया sangya kise kahate hain और sangya ke kitne bhed hote hain. साथ ही मैंने आपको sangya ki paribhasha भी बताया मैं अपनी भाषा में लिख कर आपको संज्ञा के बारे में समझने की कोशिश की और मेरी कोशिश कहा तक सफल रही यह आप लोग हमे ज़रूर बताये 

और आपको संज्ञा और उसके बारे में कोई सवाल या सुझाव देना हो तो आप हमे कमेंट के ज़रिये पूछ/बता सकते हैं.

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